हिन्दी साहित्य से
🙏🎯 हिन्दी साहित्य से- By - RHH 🎯🙏
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1- मानव मूल्य और साहित्य- (मूलतः आलोचना)- *धर्मवीर भारती* कृत।
2- *साहित्यानुशीन* - *शिवदान सिंह चौहान* कृत आलोचनात्मक रचना है।
3- *आ• नंददुलारे वाजपेयी जी* के अनुसार *प्रसाद*, *निराला* और *पंत* के काव्य में क्रमशः *मानवीय भूमि* , *बुद्धीतत्त्व* और *कल्पना* की प्रधानता है।
4- 1931 ईं में *आ• नंददुलारे वाजपेयी* ने *पंत, प्रसाद और निराला* पर पृथक-पृथक निबंध लिखकर *छायावाद की वृहद्त्रयी की घोषणा* की।
5- *बिहारी की वाग्विभूति*:- *पं• विश्वनाथ प्रसाद मिश्र* कृत आलोचनात्मक रचना है ( अन्य है:- हिन्दी का सामयिक साहित्य, वाङ्मय विमर्श आदि) ।
6- आ• रामचंद्र शुक्ल ने *क्रोञ्चे के अभिव्यंजनावाद* को *कुंतक के वक्रोक्तिवाद* का विलायती उत्थान घोषित किया।
7- रस मीमांसा, काव्य में रहस्यवाद :- *आ• रामचंद्र शुक्ल* की आलोचनात्मक कृतियाँ हैं।
8- - आलोचनादर्श- *रमाशंकर शुक्ल 'रसाल'* कृत आलोचनात्मक रचना है।
9- *जायसी* को हिन्दी का प्रथम विधिवत कवि कहा (माना) है- विजयदेव नारायण साही ने।
10- "लघु मानव के बहाने हिन्दी कविता पर एक बहस"- *विजयदेव नारायण साही* कृत आलोचनात्मक रचना है।
11- नयी कविता के प्रतिमान (व्याख्याता परीक्षा-2014), नए प्रतिमान पुराने निकष- *डाॅ• लक्ष्मीकांत वर्मा* कृत है।
12- *डाॅ• नामवरसिंह* को "वाचिक परंपरा का आचार्य" कहा जाता है।
13- - *आलोचनादर्श*- रमाशंकर शुक्ल 'रसाल' कृत आलोचनात्मक रचना है।
14- हिन्दी आलोचना साहित्य को वैज्ञानिक धरातल पर प्रतिष्ठित कर सम्यक स्वरूप देने का श्रेय *आ• रामचंद्र शुक्ल* को दिया जाता है।
15- *आ• शुक्ल* ने 'एडिसन' के ''एस्से ऑन इमेजिनेशन" का *कल्पना में आनंद* शीर्षक से अनुवाद किया।
16- 1897 ईं• में *जगन्नाथदास 'रत्नाकर'* ने *पोप* के "एस्से ऑन क्रिटिसिज्म" का *समालोचनादर्श* शीर्षक से पद्यानुवाद किया।
17- - 1902 ईं• में, चंद्रधर शर्मा गुलेरी ने *जयपुर* से *समालोचक* पत्र निकाला। जिसका सम्बंध *आलोचना* से हैं।
18- - 1897 ईं• में, काशी से नागरी प्रचारिणी पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ हुआ।
19- नये साहित्य का सौन्दर्य शास्त्र - *मुक्तिबोध* कृत तथा
भारतीय सौन्दर्यशास्त्र की भूमिका- * डाॅ• नगेन्द्र* कृत आलोचनात्मक रचना है।
20- 1964 ईं में "आँगन के पार द्वार" काव्य संग्रह के लिए "साहित्य अकादमी पुरस्कार" प्राप्त हुआ।( अज्ञेय कृत)
21- 1978 ईं में "कितनी नावों में कितनी बार" काव्य संग्रह के लिए "भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार" प्राप्त हुआ।( अज्ञेय कृत)
22- अज्ञेय ने *दिनमान, प्रतीक, सैनिक, नवभारत टाइम्स, विशाल भारत* आदि पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया।
23- - प्रयोगवाद की आरंभिक सीमा *1943 ईंस्वी से मानीं जाती है ।( समयः- 1943 से 1953 ईंस्वी तक)
24- प्रयोगवादी कवि यथार्थवादी कवि है वे *भावुकता* के स्थान पर *ठोस बौद्धिकता* को स्वीकारते हैं।
25- " प्रयोग तो प्रत्येक युग में होतें आए हैं किन्तु प्रयोगवाद नाम उन कविताओं के लिए रूढ़ हो गया है जो कुछ नये बोधों, संवेदनाओं तथा उन्हें प्रेषित करने वाले चमत्कारों को लेकर आगे बड़ी है।"- यह कथन डाॅ• नगेन्द्र का है
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1- "अज्ञेय की काव्यतितिर्षा"- *नंदकिशोर आचार्य* कृत आलोचनात्मक रचना है।
2- देव और बिहारी- *कृष्णबिहारी मिश्र* कृत तथा "बिहारी और देव"- *लाला भगवानदीन* कृत आलोचनात्मक रचनाएँ हैं।
3- *मिश्रबंधुओं* ने 1910 ईं• में *हिन्दी नवरत्न* ग्रंथ लिखा, जिसमें *देव* को *हिन्दी का सबसे बड़ा कवि* घोषित किया है।
4- हिन्दी में तुलनात्मक आलोचना का आरम्भ *1907 ईं* में *पदमसिंह शर्मा* ने *बिहारी और सादी* की तुलनात्मक आलोचना करके किया।
5- आ• महावीर प्रसाद द्विवेदी ने *सरस्वती पत्रिका* में "हिन्दी कालिदास की आलोचना" लेख प्रकाशित किया।
6- *आ• रामचंद्र शुक्ल* ने इन्हीं दोनों महानुभावों को हिन्दी आलोचना का सूत्रधार माना है। यह *दोनों महानुभावों* है- बद्रीनारायण चोधरी 'प्रेमघन' व बालकृष्ण भट्ट ।
7- पं• बालकृष्ण भट्ट ने *हिन्दी प्रदीप* में "संयोगिता स्वयंवर की आलोचना" शीर्षक से प्रकाशित की।
8- बद्रीनारायण चोधरी 'प्रेमघन' ने *लाला श्री निवास दास* रचित *संयोगिता स्वयंवर* नाटक की आलोचना *आनंदकादम्बिनी* में प्रकाशित की, जो *सच्ची समालोचना* शीर्षक से है।
9- *भारतेन्दु* ने *नाटक* (1883) नामक रचना लिखकर *नाट्यशास्त्र सम्बंधी सिद्धांतों* का प्रतिपादन किया।
10- *डाॅ• नगेन्द्र* ने "हिन्दी आलोचना का शिलान्यास कर्ता" *भिखारीदास* को माना है।
11- साहित्यिक दृष्टि से गद्य साहित्य की *आलोचना विधा* वह है जिसमें में किसी कृति, कृतिकार के गुण-दोषों का विवेचन किया जाता है अथवा किसी साहित्यिक सिद्धांत की स्थापना अथवा खण्डन-मण्डन किया जाता है।
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1- वियोगी हरि का वास्तविक नाम क्या है- *हरिप्रसाद द्विवेदी* ।
2- हम जिनके ऋणी है- *विष्णु प्रभाकर* कृत निबंध है।
3- "प्रिया नीलकण्ठी (1968 ईं में रचित)- *कुबेरनाथ राय* कृत *निबंध संग्रह* है।
4- "शब्द और स्मृति" (1976 ईं) निबंध के रचयिता- *निर्मल वर्मा* हैं।
5- - शिखरों के सेतु (1962 ईं में)- *शिवप्रसाद सिंह* कृत *निबंध संग्रह* हैं।
6- ठेले पर हिमालय (1958 ईं में)- *धर्मवीर भारती* कृत *निबंध संग्रह* है।
7- "छितवन की छाँह"- *विद्यानिवास मिश्र* कृत (1953 ईं में) निबंध (संग्रह) हैं।
8- - त्रिशंकु (1945 ईं)- *अज्ञेय* कृत निबंध संग्रह है।
9- "इस पुस्तक में मेरी अन्तर्यात्रा में पड़ने वाले कुछ प्रदेश हैं।यात्रा के लिए निकलती रहीं बुद्धि,पर हृदय को भी साथ लेकर,अपना रास्ता निकालती हुई बुद्धि जहाँ कहीं मार्मिक स्थलों पर पहुंचती है वहां हृदय थोड़ा बहुत रमता हुआ प्रवृत्ति के अनुसार कुछ कहता गया ।" *आ• रामचंद्र शुक्ल* ने *चिंतामणि* पुस्तक के निवेदन में लिखा।
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1- सियाराम शरण गुप्त कृत *आत्मोत्सर्ग* काव्य संग्रह का सम्बन्ध है:- *गणेशशंकर गणेशशंकर विद्यार्थी के बलिदान की गाथा से* ।
2- सियाराम शरण गुप्त कृत *नकुल* काव्य संग्रह "महाभारत के वनपर्व" पर आधारित *खण्डकाव्य* है।
3- *दिनकर* की "संस्कृति के चार अध्याय" रचना पर *साहित्य अकादमी पुरस्कार* प्राप्त हुआ।
4- *दिनकर* के "हुँकार" काव्य संग्रह की कविताओं को *बच्चन सिंह* ने "बैतालिक का जागरण गान" कहा है।
5- *दिनकर* की आरंभिक कविताएँ *छात्र सहोदर* नामक पत्रिका में प्रकाशित होती थी।
6- राष्ट्रीय सांस्कृतिक काव्यधारा में *एकमात्र कवयित्री* - *सुभद्रा कुमारी चौहान* की प्रारंभिक कविताएँ *मर्यादा* नामक पत्रिका में प्रकाशित होती थी।
7- "कृष्णार्जुन युद्ध"- माखनलाल चतुर्वेदी कृत *नाटक* है।
8- *गणेशशंकर विद्यार्थी* के सम्पर्क में आने पर *माखनलाल चतुर्वेदी* ने *प्रताप पत्रिका* का संपादन किया।
🤔👉 प्रभा पत्रिका (1913 ईं में), प्रताप पत्रिका, कर्मवीर, सुधा पत्रिका से चतुर्वेदी जी जुड़े हुए थे।
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1- कला का जोखिम, शब्द और स्मृति- निर्मल वर्मा कृत निबंध है।
2- "जैसे उनके दिन फिरें" निबंधकार का अन्य निबंध *विकलांग श्रद्धा का दौर* - *हरिशंकर परसाई* कृत है।
3- शिखरों के सेतु (1962), कस्तूरी मृग (1972), मानसी गंगा (1986), खालिस मौज में (1998 ईं)- *शिवप्रसाद सिंह* कृत निबंध है ।
4- "मैंने सिल पहुँचाई"- विद्यानिवास मिश्र कृत निबंध है।
5- प्रिया नीलकण्ठी (1968), गंध- मादन (1972 ईं)- कुबेरनाथ राय कृत निबंध है।
6- "बूँद मिलें सागर में(1994)", "गाँधी का करुण रस (2002)- *विद्यानिवास मिश्र* कृत निबंध है।
7- "एक युग- एक प्रतीक" के निबंधकार का अन्य निबंध *धरती गातीं है* - *देवेन्द्र सत्यार्थी* कृत है।
8- रेती के फूल- रामधारीसिंह दिनकर कृत निबंध है ।
9- 'शिवशम्भू का चिट्ठा" शीर्षक निबंध -कुबेरनाथ राय।
विशेष:- गुप्त जी कृत इस निबंध में - राजनीति के क्षेत्र में कर्जन तथा उनके साथ बंगाल के लेफ्टिनेण्ट गवर्नर "फुलर साहब" उनके व्यंग्यबाणों का शिकार बनें, उसी प्रकार साहित्य के क्षेत्र में आ• महावीर द्विवेदी भी उनके व्यंग्यबाणों के शिकार हुए ।
10- " नये साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र" - गजानन माधव मुक्तिबोध कृत निबंध है।
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1- "घुटन" - दलित लेखक रमाशंकर आर्य कृत आत्मकथा है।
🤔 "जूठन ( झूठन)= ओमप्रकाश वाल्मीकि कृत
🤔"अछूत "- दया पवार कृत
2- - राजेन्द्र यादव ने लेखिकाओं के आत्मकत्थों का एक संग्रह *देहरी भई विदेश* शीर्षक से प्रकाशित किया।
3- तिरस्कृत आत्मकथा के लेखक'- *सूरजपाल चौहान* है।
4- हम अनिकेत- *नरेश मेहता* कृत आत्मकथा है।
5- अर्द्ध कथानक- बनारसी दास जैन कृत आत्मकथा है ।
🤔अर्द्धकथा- डाॅ• नगेन्द्र कृत।
6- अपनी कहानी (आत्मकथा)- *वृंदावन लाल वर्मा* कृत है।
7- * मुड़- मुड़ के देखता हूँ- *राजेन्द्र यादव* कृत आत्मकथा है।
8- नीलयक्षिणी, चाँद सूरज के वीरान- *देवेन्द्र सत्यार्थी* कृत आत्मकथाएँ है।
9- मेरा जीवन प्रवाह- वियोगी हरि कृत आत्मकथा है।
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"धन्यवाद जी 🙏🙏"
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