रीतिकाल के कवि

🙏🎯🙏🎯🌷रीतिकालीन कवि🌷
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                👍👉 रीतिबद्ध कवि 👈
🙏👉  (लक्षण+ लक्ष्य ग्रंथ)
(काव्यांगों के लक्षण देकर उनके उदाहरण स्वरूप काव्य रचना की)
1- केशवदास          2- चिन्तामणि 
3- मतिराम              4- देव
5- पद्माकर              6- श्रीपति
7- दूलह                   8- रसलीन 
9- तोष                  10- कुलपति मिश्र
11- जसवंतसिंह      12- सुरति मिश्र 
13- मुरलीधर भूषण  14- सोमनाथ/ शशिकान्त 

👍👉 रीतिमुक्त कवि :-
( लक्षण ग्रंथ न लिखकर स्वछंदत रीति से भाव व्यंजना की)
1- घनानंद               2- बोधा
3- आलम                4- ठाकुर 
5- द्विजदेव 
Trick:- घनालम बोधा ने द्विजदेव ठाकुर को रीतिमुक्त किया है।

👍👉 रीतिसिद्ध कवि :--
1- बिहारी       2- नेवाज 
3- पजनेस 

👍👉 वीर रस के कवि:- 
1- कवि भूषण 
2- लाल 
3- सूदन
Trick:- सूदनलाल भूषण वीर है।

👍👉 नीति निरूपक कवि:--
1- कवि वृंद          2- कवि गिरिधर राय 
3- दीनदयाल         4- वेताल 
5- घाघ 

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       🙏🎯BY - RHH🎯🙏
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👍👉 रीतिकाल का प्रथम आचार्य- ???

🌷👉 आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रीतिकाल का प्रथम आचार्य "चिंतामणि त्रिपाठी" को माना है ।

🌷👉 शुक्ल जी का तर्क है कि काव्यांग निरूपण की प्रवृति पहले-पहले केशवदास में मिलतीं है लेकिन केशवदास की काव्यांग निरूपण कृति 'कविप्रिया' के 50 वर्षों तक, कोई काव्यांग निरूपण कृति नहीं लिखी गई ।
   अतः काव्यांग निरूपण की अविरल परम्परा चिन्तामणि त्रिपाठी से ही मानीं जानी चाहिए ।

🌷👉 सर्वमान्य मत यह है कि रीतिकाल का प्रथम आचार्य- केशवदास है।

🌷👉 कालक्रमानुसार केशवदास भक्तिकाल  के कवि ठहरते हैं लेकिन काव्यांग प्रवृति के आधार पर, इन्हें रीतिकालीन आचार्य माना जाता है ।

🙏🎯 रीतिबद्ध कवि व आचार्य:- 
   :--- रीतिकालीन वह कवि ( विद्वान) जिन्होंने लक्षण ग्रंथ व लक्ष्य ग्रंथ दोनों ही लिखें, उन्हें रीतिबद्ध कवि कहा जाता है।
    🌷👉रीतिबद्ध कवियों को चार वर्गों में बांटा जा सकता है:-
अ- अलंकार निरूपक आचार्य:-
ब- रस निरूपक आचार्य :-
स- छंद निरूपक आचार्य :-
द- सर्वांग निरूपक आचार्य:-

✍👉अ- अलंकार निरूपक आचार्य:-
1- केशवदास     2- जसवंत 
3- मतिराम        4- भूषण 
5- गोप              6- ग्वाल
7- रसिक सुमति  8- गोविंद कवि 
9- दूलह             10- गोकुलनाथ
11- पद्माकर 

✍👉ब- रस निरूपक आचार्य:-
1- केशवदास        2- चिन्तामणि 
3- तोष               4- मतिराम 
5- कुम्हार मणि भट्ट   6- पद्माकर
7- भिखारीदास      8- रसलीन 
9- रसिक गोविंद  10- बेनी प्रवीन
11- ग्वाल             12- देव 

✍👉स- छंद निरूपक आचार्य:--
1-  केशवदास       2- चिन्तामणि 
3- मतिराम         4- भिखारीदास 5- मुरलीधर भूषण  6- ग्वाल 
7- सुखदेव मिश्र    8- राम सहाय 

✍👉द- सर्वांग निरूपक आचार्य:--
1- चिन्तामणि      2- कुलपति मिश्र 
3- कुमार मणि      4- देव 
5- सोमनाथ        6- भिखारीदास
7- प्रताप साहि    8- सुरति मिश्र

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👍👉अ- अलंकार निरूपक आचार्य व उनके अलंकार निरूपक ग्रंथ :--
1- केशवदास- कविप्रिया (हिन्दी साहित्य का प्रथम काव्य शास्त्रीय ग्रंथ)
2- जसवंत- भाषा भूषण 
3- मतिराम- ललित ललाम (अन्य नाम- "अलंकार- पंचासिका')
4- भूषण- शिवराज भूषण 
5- गोप:-
          :- रामालंकार
          :- रामचंद्र भूषण
          :- रामचंद्राभरण 
6- ग्वाल:- अलंकार भ्रममंजन 
7- रसिक सुमति:- अलंकार चंद्रोदय
8- गोविंद कवि:- कर्णाभरण
9- दूलह:- कवि कुलकण्ठाभरण
10- गोकुलनाथ:- चेतचंद्रिका 
11:-पद्माकर- पद्माभरण/पद्माकरण

👍👉 ब- रस निरूपक आचार्य व उनके रस निरूपक ग्रंथ:-
1- केशवदास:- रसिकप्रिया 
2- चिन्तामणि:- शृंगार मंजरी 
                    :- रस मंजरी 
3- तोष:- सुधा निधि 
4- मतिराम:- रसराज ***
5- कुम्हार मणि भट्ट:- रसिक रसाल
6- पद्माकर:- जगद्विनोद 
7- रसलीन:- रसबोध
8- भिखारीदास:- रस सारंस 
                     :- शृंगार निर्णय 
9- रसिक गोविंद:- रसिक गोविंदानंदन 
10- बेनी प्रवीन:- नवरस तरंग 
11- ग्वाल- रसिकानंद / रसरंग 
12- देव :- भाव विलास
           :- भवानी विलास 
           :- काव्य रसायन 

👍👉स- छंद निरूपक आचार्य व उनके छंद निरूपक ग्रंथ:----
1- केशवदास:- छंदमाला 
2- चिन्तामणि- छंदविचार (पिंगल)
3- मतिराम  :- वृतकौमुदी, 
                 :- छंदसार संग्रह 
4- भिखारीदास:- छंदोर्णवपिंगल 
5- ग्वाल:- प्रस्तार प्रकार 
6- मुरलीधर 'भूषण':- छंदोंहृदय प्रकाश
7- सुखदेव मिश्र:- छंदोंविचार
8- रामसहाय:- वृत तरंगिणी 

✍👉द-  सर्वांग निरूपक आचार्य व उनके सर्वांग निरूपक ग्रंथ:--
1- चिन्तामणि:- कविकुलकल्पतरु
2- कुलपति मिश्र- रस रहस्य 
3- कुम्हार मणि- रसिक रसाल 
4- देव- काव्य रसायन (अन्य नाम- शब्द रसायन)
5- सोमनाथ:- रसपीयुष निधि
6- भिखारीदास - काव्य निर्णय 
7- प्रताप साहि:- रूप विलास,
                    :- काव्य विलास
8- ग्वाल:- साहित्यानंद 
9- सुरति मिश्र:- काव्य सिद्धांत 

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                  🙏🎯धन्यवाद! 🎯🙏
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