संत रज्जब दास
🙏🎯संत रज्जब दास🎯🙏
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👉 जन्म:- 1567 ईं में जयपुर के निकट सांगानेर में हुआ ।
👉 यह दादूदयाल के प्रधान शिष्यों में से एक थे।
👉 रज्जब दास का वास्तविक नाम:- "रज्जब अली खाँ" था ।
👉 'अंगबंधु' रज्जब दास की प्रमुख रचना है जिसमें दादूदयाल के पद संकलित हैं ।
👉 'सर्वांगी' (सब्बंगी) व 'बैनी' भी इनकी महत्त्वपूर्ण रचनाएं हैं ।
👉 रज्जब ने 'सब्बंगी ' में स्वरचित पदों के अतिरिक्त अन्य निर्गुण संतों द्वारा रचित पदों को भी स्थान दिया ।
👉 रज्जब के-- / स्वयं के पद "रज्जबबानी" में संकलित है।
👉रज्जब ने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए- "दृष्टांत शैली " का सहारा लिया ।
👉 "सुन्दर दास की अपेक्षा रज्जब दास में कवित्व शक्ति अधिक थी।"- डाॅ• बच्चन सिंह के अनुसार
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🙏🎯 धन्यवाद !!🎯🙏
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