भक्तिकालीन गद्य साहित्य
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👍👉 भ्रमरगीत परम्परा का उपजीव्य ग्रंथ भागवत् पुराण है जिसके दशम स्कंद के 46 - 47 वें अध्याय से यह प्रसंग लिया गया है।
1- सूरदास भ्रमरगीत भावुक गोपियां
2- नंददास भँवरगीत वाक्पटु/तर्कशील/ चतुर
गोपियां
3- सत्यनारायण कविरत्न
भ्रमरदूत माता यशोदा को भारत
के रूप में चित्रित किया
गया है ।
4- जगन्नाथसिंह 'रत्नाकर'
उद्धव शतक --------------
5- अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
प्रियप्रवास राधा-कृष्ण को
क्रमशः लोक सेविका
और लौक सेवक के
रूप में चित्रित किया है।
👍👉' भ्रमरगीत सार' पुस्तक का सम्पादन आ• रामचंद्र शुक्ल के द्वारा किया गया ।
👍👉 आ• शुक्ल जी ने "सूर, तुलसी और जायसी" पुस्तक भी लिखी।
सम्प्रदाय प्रवर्तक कृृष्ण का स्वरुप
1- वल्लभ वल्लभाचार्य पूर्णानंद परब्रह्म
सम्प्रदाय पुरुषोंत्तम
2- निम्बार्क निम्बार्काचार्य राधाकृष्ण की सम्प्रदाय युगलमूर्ति
3- राधावल्लभ हितहरिवंश * राधा ही प्रमुख है
सम्प्रदाय * श्रीकृष्ण ईश्वरों के
भी ईश्वर है।
4- हरिदासी स्वामी हरिदास निकुंंजबिहारी कृष्ण
(सखी/ टट्टी)
सम्प्रदाय
5- गौड़िय चैतन्य महाप्रभु ब्रजेन्द्र कुमार(कृृष्ण)
(चैतन्य)
सम्प्रदाय
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🙏🎯धन्यवाद!!!🎯🙏
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