राउलवेल/ राउरवेलि
🙏🎯राउलवेल/ राउरवेलि 🎯🙏 लेखक:- रोडा कवि समय:- 10 वीं सदी राउलवेल का अर्थ:- राजकुल का विलास प्रकाशन व संपादन:- डाॅ• भयाणी ने ' भारतीय विद्या ' पत्रिका से ✍ यह एक शिलांकित कृति है जिन शिलाओं पर ,यह लिखी गई थी वह मध्यप्रदेश के( मालवा क्षेत्र) धार जिले से प्राप्त हुई है और वर्तमान में -मुम्बई के 'प्रिन्स ऑफ वेल्स संग्रहालय' में सुरक्षित रखी हुई है। ✍यह एक चम्पू काव्य है यानि गद्य-पद्य मिश्रित रचना है । ✍यह हिन्दी की प्राचीनतम चम्पू काव्य की कृति है यानि हिन्दी का प्रथम चम्पू काव्य ग्रंथ है । ✍इसकी नायिका ' राउल' है, जिसके नख-शिख सौन्दर्य वर्णन मिलता है। ✍ हिन्दी में नख-शिख सौन्दर्य पद्धति का आरम्भ इसी ग्रंथ में मिलता है यानि हिन्दी में नख-शिख सौन्दर्य पद्धति का सर्वप्रथम प्रयोग इसी रचना में किया गया है । ✍यह वेल / वेलि/ बेलि काव्य परम्परा की प्राचीनतम क...
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